- Books in PDF format
- Books for E-Readers
- Other Titles
pdf BP 17-1-3-08 SGD Hamara Ek Param bandhava Avasya Hona Cahiye
142 downloads
जिस प्रकार अनजानेमें या जानबुझकर यदि कोई व्यक्ति कुसंगके प्रति आसक्त होकर कुसंग करता है,तो कुसंग का फल अवश्य ही उस व्यक्तिमें परिस्फुट होगा। उसी प्रकार यदि कोई व्यक्ति साधुके प्रति आसक्त होकर साधुसंग करता है,तो साधुसंगकी जो महिमा है,वह उस व्यक्तिमें अवश्य प्रवेश करेगी।
वर्ष—१७ • संख्या—१-३ • प्रबन्ध क्रमांक—८
हमारा एक परम-बान्धव अवश्य होना चाहिए
श्रील भक्तिवेदान्त नारायण गोस्वामी महाराजके हरिकथामृत-सिन्धुका एक बिन्दु